HONDH KAH NAHI SHAKATE

होंठ कह नहीं सकते फ़साना दिल का,
नज़र से वो बात हो जाती है,
इस उम्मीद में करते हैं इंतज़ार आपका,
कनखियों से ही तेरा दीदार हो जाये !

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