काश कोई रोटी डे भी होता, 
तो लोग भूख से बिलखते लोगों को रोटी बांटते !

काश कोई कपड़ा डे भी होता, 
तो लोग ठण्ड से ठिठुरते लोगों को कपड़े बांटते !

काश कोई इंसानियत डे भी होता, 
तो लोग इंसानियत क्या होती है.. समझ पाते.

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