किसी शायर ने अपनी अंतिम यात्रा
का क्या खूब वर्णन किया है.....
था मैं नींद में और
मुझे इतना
सजाया जा रहा था....
बड़े प्यार से
मुझे नहलाया जा रहा
था....
ना जाने
था वो कौन सा अजब खेल
मेरे घर
में....
बच्चो की तरह मुझे
कंधे पर उठाया जा रहा
था....
था पास मेरा हर अपना
उस
वक़्त....
फिर भी मैं हर किसी के
मन
से
भुलाया जा रहा था...
जो कभी देखते
भी न थे मोहब्बत की
निगाहों
से....
उनके दिल से भी प्यार मुझ
पर
लुटाया जा रहा था...
मालूम नही क्यों
हैरान था हर कोई मुझे
सोते
हुए
देख कर....
जोर-जोर से रोकर मुझे
जगाया जा रहा था...
काँप उठी
मेरी रूह वो मंज़र
देख
कर....
.
जहाँ मुझे हमेशा के
लिए
सुलाया जा रहा था....
.
मोहब्बत की
इन्तहा थी जिन दिलों में
मेरे
लिए....
.
उन्हीं दिलों के हाथों,
आज मैं जलाया जा रहा था!!!
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    👌 लाजवाब लाईनें👌
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मिली थी जिन्दगी
      किसी के 'काम' आने के लिए..
           पर वक्त बीत रहा है
     कागज के टुकड़े कमाने के लिए..                        
   क्या करोगे इतना पैसा कमा कर..?
ना कफन मे 'जेब' है ना कब्र मे 'अलमारी..'
       और ये मौत के फ़रिश्ते तो 
           'रिश्वत' भी नही लेते...  ➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖
👍👍👍👍👍👍
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