ऐ दिल ! तू फिर मुस्कुराया है
है कुछ अपनी बात, या फिरउनकी बात कहने आया है
बता दिल तू फिर क्यों मुस्कुराया है ?
सियासी दौर मैं अब तो कुछ नजरों ने भी डराया है
है कोई प्रेम आमंत्रण या फिर किसी ने प्रेम जाल बिछाया है
बता मेरे दिल! तू क्यों मुस्कुराया है
आज फिर महफ़िल में लोगो ने चर्चा बनाया है
शायद किसी बेवफा ने उन्हें खूब हंसाया है
पर तुझे क्या मिला दिल जो तू इतना मुस्कुराया है
सच बता मेरे दिल! तू क्यों मुस्कुराया है
ये किसी के आने कि आहट है ,या किसी को पाने कि चाहत है
सवाल सैकड़ों हैं जिंदगी के जिसने तुझे इतना सताया है
बता मेरे दिल फिर भी तू क्यूँ मुस्कुराया है
तू है ही जिद्दी ,जिसने तुझे इतना रुलाया है फिर भी तू उसी से
मिलने आया है तुझे देखकर तो शहर भी हैरान है,शायद
किसी ने ये सवाल उठाया है जिस शख्स ने इतना जख्म दिया ,
तू फिर क्यों उसी के जख्मों को धोने आया है,
वाह मेरे दिल ! ,अब मालूम है मुझे तू क्यों मुस्कुराया है
शायद फिर से तुझे कोई अपना बनाने आया है
संभल जा मेरे दिल !शायद तू अंतिम बार मुस्कुराया है
-प्रतिभा त्रिपाठी
Ae dil tu fir muskuraya
Hai kuch apni bat ya fir unki bat khne aaya hai
Bta dil tu fir kyon muskuraya hai?
Siyasi daur mein ab to kuch nazro ne bhi daray hai
Hai koi prem aamntran ya fir kisi ne prem jaal bichaya hai
Bta dil tu fir kyon muskuraya hai?
Aaj fir mehfil me logo ne chrcha bnaya hai
Sayd kisi bevfa ne unhe khub hasya hai
Par tuje kya mila dil jo tu etna muskuraya hai
Such bta dil tu fir kyon muskuraya hai?
Ye kisi k aane ki aahat hai
Swal sakdo hai zindgi k jisne tuje etna staya hai
Bta mere dil fir kyu tu uskuraya hai
Tu hai hi ziddi jisne tuje etna rulaya hai
Fir bhi tu usi se milne aaya hai
Tuje dekh kar ye shar bhi hrain hai sayd
Kisi ne ye swal uthay hai
Jis shksh ne etna jhkam diya tu
Fir kyon usi k jkhmo ko dhone aaya hai
Wah mere dil ab malum hai muje tu kyon muskuraya hai
Sayd fir se tuje koi apna bnane aaya hai
Smbhal ja mere dil sayd tu antim bar muskuray hai
-Pratibha Tripathi
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