Top Famous Urdu Sher - Shayari Collection In Hindi of Ahmad Faraz |
Aankh Se Duur Na Ho Dil Se Utar Ja.ega
Vaqt Ka Kya Hai Guzarta Hai Guzar Ja.ega
आँख से दूर न हो दिल से उतर जाएगा
वक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जाएगा
~ अहमद फ़राज़
Ab Aur Kya Kisi Se Marasim Baḍha.en Ham
Ye Bhi Bahut Hai Tujh Ko Agar Bhuul Jaa.en Ham
अब और क्या किसी से मरासिम बढ़ाएँ हम
ये भी बहुत है तुझ को अगर भूल जाएँ हम
~ अहमद फ़राज़
Ab Dil Ki Tamanna Hai To Ai Kaash Yahi Ho
Aansū Ki Jagah Aankh Se Hasrat Nikal Aa.e
अब दिल की तमन्ना है तो ऐ काश यही हो
आँसू की जगह आँख से हसरत निकल आए
~ अहमद फ़राज़
Ab Ke Ham Bichhḍe To Shayad Kabhi Khvabon Men Milen
Jis Tarah Sūkhe Hue Phuul Kitabon Men Milen
अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें
जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें
~ अहमद फ़राज़
Agar Tumhari Ana Hi Ka Hai Saval To Phir
Chalo Main Haath Baḍhata Huun Dosti Ke Liye
अगर तुम्हारी अना ही का है सवाल तो फिर
चलो मैं हाथ बढ़ाता हूँ दोस्ती के लिए
~ अहमद फ़राज़
Aur ‘faraz’ Chahiyen Kitni Mohabbaten Tujhe
Maaon Ne Tere Naam Par Bachchon Ka Naam Rakh Diya
और ‘फ़राज़’ चाहिएँ कितनी मोहब्बतें तुझे
माओं ने तेरे नाम पर बच्चों का नाम रख दिया
~ अहमद फ़राज़
Bandagi Ham Ne Chhoḍ Di Hai ‘faraz’
Kya Karen Log Jab Khuda Ho Jaa.en
बंदगी हम ने छोड़ दी है ‘फ़राज़’
क्या करें लोग जब ख़ुदा हो जाएँ
~ अहमद फ़राज़
Dil Bhi Pagal Hai Ki Us Shakhs Se Vabasta Hai
Jo Kisi Aur Ka Hone De Na Apna Rakkhe
दिल भी पागल है कि उस शख़्स से वाबस्ता है
जो किसी और का होने दे न अपना रक्खे
~ अहमद फ़राज़
Dil Ko Tiri Chahat Pe Bharosa Bhi Bahut Hai
Aur Tujh Se Bichhaḍ Jaane Ka Dar Bhi Nahin Jaata
दिल को तिरी चाहत पे भरोसा भी बहुत है
और तुझ से बिछड़ जाने का डर भी नहीं जाता
~ अहमद फ़राज़
Ġham-e-duniya Bhi Ġham-e-yaar Men Shamil Kar Lo
Nashsha Baḍhta Hai Sharaben Jo Sharabon Men Milen
ग़म-ए-दुनिया भी ग़म-ए-यार में शामिल कर लो
नश्शा बढ़ता है शराबें जो शराबों में मिलें
~ अहमद फ़राज़
Ham Ko Achchha Nahin Lagta Koi Hamnam Tira
Koi Tujh Sa Ho To Phir Naam Bhi Tujh Sa Rakkhe
हम को अच्छा नहीं लगता कोई हमनाम तिरा
कोई तुझ सा हो तो फिर नाम भी तुझ सा रक्खे
~ अहमद फ़राज़
Hua Hai Tujh Se Bichhaḍne Ke Ba.ad Ye Ma.alūm
Ki Tū Nahin Tha Tire Saath Ek Duniya Thi
हुआ है तुझ से बिछड़ने के बाद ये मालूम
कि तू नहीं था तिरे साथ एक दुनिया थी
~ अहमद फ़राज़
Is Qadar Musalsal Thiin Shiddaten Juda.i Ki
Aaj Pahli Baar Us Se Main Ne Bevafa.i Ki
इस क़दर मुसलसल थीं शिद्दतें जुदाई की
आज पहली बार उस से मैं ने बेवफ़ाई की
~ अहमद फ़राज़
Is Se Pahle Ki Be-vafa Ho Jaa.en
Kyuun Na Ai Dost Ham Juda Ho Jaa.en
इस से पहले कि बे-वफ़ा हो जाएँ
क्यूँ न ऐ दोस्त हम जुदा हो जाएँ
~ अहमद फ़राज़
Kis Kis Ko Bata.enge Juda.i Ka Sabab Ham
Tū Mujh Se Khafa Hai To Zamane Ke Liye Aa
किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम
तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ
~ अहमद फ़राज़
Main Kya Karūn Mire Qatil Na Chahne Par Bhi
Tire Liye Mire Dil Se Dua Nikalti Hai
मैं क्या करूँ मिरे क़ातिल न चाहने पर भी
तिरे लिए मिरे दिल से दुआ निकलती है
~ अहमद फ़राज़
Ranjish Hi Sahi Dil Hi Dukhane Ke Liye Aa
Aa Phir Se Mujhe Chhoḍ Ke Jaane Ke Liye Aa
रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ
~ अहमद फ़राज़
Tum Takalluf Ko Bhi Ikhlas Samajhte Ho ‘faraz’
Dost Hota Nahin Har Haath Milane Vaala
तुम तकल्लुफ़ को भी इख़्लास समझते हो ‘फ़राज़’
दोस्त होता नहीं हर हाथ मिलाने वाला
~ अहमद फ़राज़
Umr Bhar Kaun Nibhata Hai Ta.alluq Itna
Ai Miri Jaan Ke Dushman Tujhe Allah Rakkhe
उम्र भर कौन निभाता है तअल्लुक़ इतना
ऐ मिरी जान के दुश्मन तुझे अल्लाह रक्खे
~ अहमद फ़राज़
Zindagi Se Yahi Gila Hai Mujhe
Tū Bahut Der Se Mila Hai Mujhe
ज़िंदगी से यही गिला है मुझे
तू बहुत देर से मिला है मुझे
~ अहमद फ़राज़
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