सुकून अपने दिलका मैंने खो दिया,
खुद को तन्हाई के समंदर मे डुबो दिया,
जो थी मेरे कभी मुस्कराने की वजह,
आज उसकी कमी ने मेरी पलकों को भिगो दिया.
खुश नसीब होते हैं बादल,
जो दूर रहकर भी ज़मीन पर बरसते हैं,
और एक बदनसीब हम हैं,
जो एक ही दुनिया में रहकर भी..
मिलने को तरसते हैं.
तेरे दिल के करीब आना चाहता हूँ मैं,
तुझको नहीं और अब खोना चाहता हूँ मैं,
अकेले इस तनहाई का दर्द बर्दाश्त नहीं होता,
तू एक बार आजा तुझसे लिपट कर रोना चाहता हूँ मैं..
सुकून अपने दिलका मैंने खो दिया,
खुद को तन्हाई के समंदर मे डुबो दिया,
जो थी मेरे कभी मुस्कराने की वजह,
आज उसकी कमी ने मेरी पलकों को भिगो दिया.
खुश नसीब होते हैं बादल,
जो दूर रहकर भी ज़मीन पर बरसते हैं,
और एक बदनसीब हम हैं,
जो एक ही दुनिया में रहकर भी..
मिलने को तरसते हैं.
तेरे दिल के करीब आना चाहता हूँ मैं,
तुझको नहीं और अब खोना चाहता हूँ मैं,
अकेले इस तनहाई का दर्द बर्दाश्त नहीं होता,
तू एक बार आजा तुझसे लिपट कर रोना चाहता हूँ मैं..
Very Nice!!
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मेरी परवाह को वो
खुद पर गुलामी समझती है ,
ऐसी मोहब्बत तो मिलने के बाद भी
नाकाम-सी लगती है।
Very Nice!!
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शक्ल वो कुछ ऐसी बनाते थे ,
जैसे वो अपनी दुनिया के बेहद मासूम हो।
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