आओ ऐसी प्रीत लिखें हम
मिलकर ऐसा गीत लिखें हम
जात पांत और ऊँच नीच के
भेदभाव में जीना छोड़ें
दिल के रिश्तों को न तोड़े
अपनों से यूँ नाता जोड़ें
दिल के पन्ने के हर कोनें में
दुश्मन को भी मीत लिखें हम
आओ ऐसी प्रीत लिखें हम
मिलकर ऐसा गीत लिखें हम ।।


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