टूट कर बिखरते जज़्बात देखे, तो अपने अरमां को भी संवरते देखा..
रंग बदलती दुनियाँ देखी, मैंने खुद को भी रंग बदलते देखा..
खानाबदोशों को ग़र रुकते देख़ा, तो गरीबोँ को दर-दर भी भटकते देखा..
रंग बदलती दुनियाँ देखी, मैंने खुद को भी रंग बदलते देखा..
देखा अपनों को भी कठिनाई में, तो अजनबी को अपने पास भी हँसते देखा..
रंग बदलती दुनियाँ देखी, मैंने खुद को भी रंग बदलते देखा..
ईमान के पुजारी भी मिले, तो पैसों की ताकत से ज़मीर भी गिरते देखा..
रंग बदलती दुनियाँ देखी, मैंने खुद को भी रंग बदलते देखा..
कभी असंभव भी संभव सा हुआ, तो कभी ज़रूरी काम भी टलते देखा..
रंग बदलती दुनियाँ देखी, मैंने खुद को भी रंग बदलते देखा..
अमर-प्रेम की दास्तां देखी, तो रिश्तें-नातें प्यार की बातें, इन्हे भी खूब सिसकते देखा..
रंग बदलती दुनियाँ देखी, मैंने खुद को भी रंग बदलते देखा..
कभी मिसाल बना गैरो का अपनापन, तो कभी अपनों को भी छलते देखा..
रंग बदलती दुनियाँ देखी, मैंने खुद को भी रंग बदलते देखा..

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