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Smriti Irani vs Mayawati in Rajya Sabha स्मृति
नई दिल्ली।
दलित छात्र रोहित वेमुला खुदकुशी मामले में शुक्रवार को संसद में बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती और मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी एक बार फिर आमने सामने आ गईं।
मायावती ने स्मृति को घेरते हुए कहा कि मैं उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हूं, अब क्या आप अपना वादा निभाएंगी। गौरतलब है कि सदन में रोहित मामले पर बहस के दौरान स्मृति ने कहा था कि अगर मायावती उनके जवाब से संतुष्ट नहीं होंगी तो वो अपना सिर काटकर उनके चरणों में रख देंगी।
इसके अलावा मायावती ने अपनी पुरानी मांग को दोहराते हुए कहा कि रोहित वेमुला केस की जांच कर रही कमेटी में एक एसटी-एसटी सदस्य हो, जबकि इसी के जवाब में स्मृति ईरानी ने कहा कि कमेटी में एससी सदस्य न होने की बात गलत है।
मायावती ने कहा कि आरएसएस के कट्टर समर्थक इसके पीछे बताए जा रहे हैं जिसकी वजह से सरकार अंदर ही अंदर उन्हें बचाने की कोशिश कर रही है। मायावती ने कहा कि इलाहबाद हाई कोर्ट के जज जो जांच कमेटी में इकलौते सदस्य हैं, वो दलित जाति के नहीं हैं। एक से ज्यादा भी अधिकारी कमीशन में रखे जा सकते थे, इससे सरकार की साफतौर पर दलित विरोधी नीति नजर आती है।
चाहें तो मेरा सिर काटकर ले जांए
मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी रोहित मामले में स्मृति ईरानी के बयान से संतुष्ट नहीं है। स्मृति ने 24 फरवरी को कहा था कि अगर बीएसपी प्रमुख उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुईं, तो वह अपना सिर उनके चरणों में रख देंगी। इसे याद दिलाते हेुए अब मेरा मंत्री से यह कहना है कि क्या वह इस वायदे को पूरा करेंगी। मंत्री को सदन में ऐसी गलत बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। इस पर स्मृत ईरानी तुंरत उठकर जवाब देते हुए कहा कि मैंने बीएसपी कार्यकर्ताओं को चुनौती दी थी। वे चाहें तो मेरा सिर काटकर ले जाएं।
बड़ी होने की वजह से माफ किया
मायावती ने कहा कि मंत्रीजी ने कल लॉबी में आकर मुझसे माफी मांगी थी। मैंने उन्हें महिला होने और उनसे उम्र में बड़ी होने की वजह से माफ कर दिया। लेकिन ऐसी गलती फिर से दोहराने पर मैं और मेरी पार्टी उन्हें माफ नहीं करेगी। इस पर स्मृति ईरानी ने मायावती को टोकते हुए कहा कि बहनी आप देश को सच बताएं। आप मेरा हाथ पकड़कर किस तरफ लेकर गईं थी।
मंत्री सदन से माफी मांगे
कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने सदन में कहा कि स्मृति ईरानी ने देवी दुर्गा को लेकर जो भी कहा वो अपमानजनक था। हम उनसे लगातार रूकने के लिए कहते रहे, लेकिन वो नहीं मानी, राज्यसभा में इस तरह की अपमानजक बातें सहन नहीं की जाएंगी। इसके लिए केंद्रीय मंत्री सदन से माफी मांगे।
इसके जवाब में स्मृति ईरानी ने कहा कि उन्होंने जो भी पढ़ा वो कोई सरकारी कागजात नहीं बल्कि यूनिवर्सिटी के आधिकारिक कागज थे। मैंने उन्हें तभी पढ़ा जब मुझसे सबूत मांगा गया। मैं खुद मां दुर्गा भी भक्त हूं और जो भी मैने कहा वो बड़े दर्द के साथ कहा था।
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Mayawati was talking about Family-
Planing & Birth control in Parliament.
Lalu got Angry & said:
Hey babe When U can’t Play the Game,
Don’t make Rules fro Champions!
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