उनकी मोहब्बत का अभी निशान बाकी हैं,
नाम लब पर हैं मगर जान अभी बाकी हैं,
क्या हुआ अगर देख कर मूंह फेर लेते हैं वो,
तसल्ली हैं कि अभी तक शक्ल कि पहचान बाकी हैं!
यूँ नजर से बात की और दिल चुरा गए,
अन्धेरो के साए मे धडकन सुना गए,
हम तो समझते थे अजनबी आपको,
आप तो हमको अपना बना गए।
इंकार को इकरार कहते हे,
खामोशी को इज़हार कहते हे,
क्या दस्तूर है इस दुनिया का,
एक खूबसूरत सा धोखा हे,
जिसे लोग ‘प्यार’ कहते हे..
हाल अपने दिल का,
मैं तुम्हें सुना नहीं पाती हूँ..
जो सोचती रहती हूँ हरपल,
होंठो तक ला नहीं पाती हूँ..
बेशक बहुत मोहब्बत है,
तुम्हारे लिए मेरे इस दिल में..
पर पता नहीं क्यों तुमको,
फिर भी मैं बता नहीं पाती हूँ..
तन्हाईयों में मुस्कुराना इश्क है,
एक बात को सबसे छुपाना इश्क है,
यु तो नींद नहीं आती हमें रात भर,
मगर सोते-सोते जागना और जागते-जागते सोना इश्क है.
नज़र ने नज़र से मुलाक़ात कर ली,
रहे दोनों खामोश पर बात करली,
मोहब्बत की फिजा को जब खुश पाया,
इन आंखों ने रो रो के बरसात कर ली !!
हम भी है कुछ अधूरे से तेरे बिना
इतना की अलफ़ाज़ में नही बोल सकते
बिना बोले समझ जाती है तू मुझे
इसी सुकून से जी रहा हु आज भी यहा।।
रूठा रहे मुझसे वो, मंजूर है, लेकिन,
उसे समझा दो कि वो मेरा शहर ना छोङे,
प्यार तो किस्मत में नहीं है शायद,
कम से कम उसका दीदार तो होता रहे।
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