तू सहलाने की कोशिश ना कर - Sad Shayari & Poetry


है ज़ख्मो से छलनी

तू सहलाने की कोशिश ना कर
तोड़ के इस दिल को मेरे
तू बहलाने की कोशिश ना कर

जीने दे मुझे अब तनहा
तू समझाने की कोशिश ना कर
पत्थऱ बना के मुझे
तू पिघलाने की कोशिश ना कर

हो गई राहें अब जुदा
तू मिलाने की कोशिश ना कर
उलझ गई रिश्तों की डोर जो
तू सुलझाने की कोशिश ना कर

बंद हो गए दरवाज़े दिलों के
तू खटखटाने की कोशिश ना कर
थमी हुई अब धड़कन को मेरी
तू फिर धड़काने की कोशिश ना कर

है ज़ख्मो से छलनी
तू सहलाने की कोशिश ना कर..

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