Heart Touching Real Life Love Story In Hindi Font

�Heart Touching Real Life Love Story In Hindi Font For Facebook.. Agar Aap Ne Bachpane Me Kisi Se Sacchi Mahobbat Ki Hai Aur Aap Ka Pyar Aap Ko Na Mila To Ye Hindi Sad Story Aap Ko Jarur Pasand Ayegi... So Must Read Sad Touching Hindi Love Story And Send On Fb Aur Whatsupp.�

Heart Touching Real Life Love Story In Hindi Font 2017



चला था स्कूल का बस्ता लिये उन छोटे छोटे कदमों पे
मा कहती थी बेटा इन्हें मजबूत कर दुनिया का बोझ उठाना है

पता ना था कि कैसा बोझ होगा बस चलता जा रहा था
हसते हुए रोते हुए अपनी किस्मत से लडते जा रहा था

सब कहते थे पढ ले बेटा काम यही आयेगा 
सब झूठ है सब पराया है एक ज्ञान ही तूझे तेरा हक दिलायेगा

घिस घिस कर पेन कि श्याही हमने बस इतना सीखा
जो पेपर मे आये वो ही पढो बाकी सब अल्फा बीटा गामा और थीता

पढाई करते करते जवान भी होने लगे 
लडका लडकी प्यार महोब्बत इनके discussion  में भी खोने लगे 

जो पिक्चर कभी समझ ना आती थी वो अच्छी लगने लगी
friendship बैंड  deo  और gel  में हमारी भी जेब कटने लगी

जाने क्यूं उपर वाले ने हमें एक खूबसूरत चेहरा ना दिया
fairness cream  लगा के भी ये कभी fair ना हुआ

दिल था जो जा रहा उस मंजिल की ओर जहां शायद enrty थी खूबसूरत लोग की 
और हम दरवाजे खटखटाते रह गये उस चेहरे का जिसे जरूरत ना थी मेरे दिल की 

इस इश्क विश्क के चक्कर में पढाई से नाता ना जुड पाया
होशियार तो बहुत थे पढाई में मगर कभी उसे दिल से ना लगया

पापा ने हमारे बहुत struggle   किया था वो खूब हमें समझाते थे
पर समझाते हुए अक्सर गुस्से में आ जाते थे

गुस्से में वो अक्सर ऐसी बातें कह जाते थे
जो सुन कर हम अपनी जिन्दगी से मुह छुपाते थे

मन करता था की कही भाग जाउ मर जाउ कैसे भी 
पर मां का प्यार मरने ना देता था जाने ना देता था कही भी 

बचपन बीता बडी मुश्किल से लगता था ऐसा ही मुझको
बडे होगें बडा करेंगे डाटेंगे हम भी सबको

अब दिन कुछ जवान हुए शाम अच्छी लगने लगी थी 
छुप छुप के सपने देखने में रातें सजा करती थी

लडके लडकी का फर्क अब समझ आने लगा
किसी खूबसूरत से दिल लगाने को जी चाहने लगा

उस पर था पढाई का साया जो हर वक्त डराता था
future को अपने सोच कर सपने सजाया करता था

मां पापा को हर सुख दूं मैं हर खुशी उन्हें नाजार करूं
ऐसा काम करूं की नाम उनका रोशन कर पाउ

इसलिए tution में मैं पढने जाया करता था
maths और science में दिल और दिमाग खपाया करता था

एक दौस्त था पुराना जो हर वक्त मुझे चिढाया करता था
कलमान खान कह के मुझे बुलाया करता था

हसती थी उसकी बहन भी उसी की बात पे
और उसकी एक  friend  थी जो ध्यान ना देती थी इस बात पे

मेरा दिल भी बस उसी की तरफ झुकने लगा
marks  का तो पता नही attendence  पूरी में top करने लगा

मन ही मन उसको इतना प्यार करने लगा
बस वो ही एक जीवन लक्ष्य ऐसा मै समझने लगा

काश उस दिन बारिश ना होती
काश वो मेरे संग मेरी bike पे बैठी ना होती 

ना वो प्यार पागलपन बनता 
ना वो पागलपन मेरा दिमाग खराब करता

रात दिल बस आंखों में उसी के सपने छाये थे
उसको मुस्कुराता देखने के लिए ना जाने कितने jokes   सुनाये थे

असली खुशी तब हुइ जब हर जगह वो दिखने लगी
उसके सिवा किसी भी लडकी में मेरी दिलचस्पी ही ना रही

6 महीने बाद इतना मुझे यकीन हुआ था
प्यार शायद यही है और मैने सच्चा प्यार किया था

सोचा कैसे बताउं उसको मुझमें इतनी हिम्मत ना थी
अचानक फिर याद आया 14 feb  नजदीक ही थी

सोचा उस दिन तो कोई किसी का दिल ना तोडेगा
इतफाक से उसी दिल  tution  का extra period arrange हुआ

मैं सातवे आसमान पर था क्या करूं कैसे करूं यही सोचता था
12 बार लिखने के बाद एक letter  फाइनल किया

लाल रंग से लिखा था उसे पीले रंग से सजाया था
हर अक्षर में प्यार भर कर एक एक जजबात उसमें उथाया था

tution   खतम होने के बाद मैंने बहाने से उसे वो लेटर दिया 
और उसके पढने से पहले ही बहाने से वहां से भाग गया

घूम के उसके पीछे ही पेड की ओट में छिप गया

उसमें लिखा था.......

हां है तो रख लो ना है तो छोड कर चली जाओ
और कुछ कहना है तो वहीं रूकों मै सामने आ जाउगां

उसने वो लेटर पढा और वही खडी रही
उधर मै तो जम के बर्फ हुआ मुझमें भी हिम्मत ना हुई

फिर उसने उर लेटर के पीछे कुछ लिखा
और चली गयी मेरा बैग वही छोड कर मैनें जब देखा तो विश्वास ना हुआ

गयी थी वो मेरा दिल तोड कर

10th board    के पेपर है अभी मैं इन चक्करों में नहीं पडना चाहती 
इन शब्दों से जो दर्द हुआ उसमें कोई दवा काम ना आई

मैने घर पहुंच कर उसे फोन किया 
वो बोली जो बोलना था वो मैंने उस लेटर पर लिख दिया

समझ ना आया क्या करूं मर जानें को जी किया
पर फिर से उस मां की याद ने मुझे जीने को कारण दिया

टूट चुका था इस बार अन्दर से अब जोश ना मेरे जीवन में था
उस दोस्त का कलमान खान कहना शायद ठीक ही था

मेरे बोर्ड के पेपर तो जैसे तैसे बीत गये
अच्छा स्कोर कर सकता था पर 71 परसेंट में ही सिमट गये

टूटे दिल टूटे अत्मविश्वास के साथ आगे बढा

मां बा पके सिवा कोई मन का सहारा नहीं था........

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