खुदा की रहमत में अर्जियाँ नहीं चलतीं दिलों के खेल में खुदगर्जियाँ नहीं चलतीं चल ही पड़े हैं तो ये जान लीजिए हुजुर, इश्क़ की राह में मनमर्जियाँ नहीं चलतीं !
समंदर से भी गहरी है,
मेरे यार की आँखें….!!
नदियों से भी लहरी है,
मेरे दिलदार की आँखे,
खो जाता हूँ इन नैन में,
जो फूल सी सुन्दर है
मेरे प्यार की आँखे..!!
कभी उठता हूँ, कभी गिरता हूँ
जाम से भी नशीली है,
मेरे जाने बहार की आँखे.
जल जाता हूँ इन बहारों में,
ज्वाला मुखी से भी तेज़ है,
मेरे दिलबहार की आँखे….!
डूब जाता हूँ इन नज़रों मैं,
ऐसी है मेरे तलबदार की आँखे
मुझे लेते हो जब अपनी मुहब्बत की पनाहों में, ये जादू कैसा तुम करते खिची आती मै बांहों में, ये धड़कन तेज क्यों होती ये सांसे क्यों उखडती है मुझे जब देखते हो तुम निगाहों ही निगाहों में..!!
मोह्ब्बत किसी ऐसे शख्स की तलाश नही करती जिसके साथ रहा जाये, मोह्ब्बत तो ऐसे शख्स की तलाश करती हे जिसके बगेर रहा न जाये !!
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