ओस की बूंदे है,
आंख में नमी है,
ना उपर आसमां है
ना नीचे जमीन है
ये कैसा मोड है
जिन्दगी का जो लोग खास है
उन्ही की कमी हैं ”
आंख में नमी है,
ना उपर आसमां है
ना नीचे जमीन है
ये कैसा मोड है
जिन्दगी का जो लोग खास है
उन्ही की कमी हैं ”
कहाँ होता है इतना तजुर्बा किसी हकीम के पास!"माँ" आवाज सुनकर बुखार नाप लेती है!!Read more »
गुज़रते दिनों का नही, ...Read more »
सिर्फ चेहरा ही नहीं शख्सियत भी पहचानो ,जिसमें दिखता हो वही आईना नहीं होताRead more »
" एक सुकून कि तालाश मे,ना जाने कितनी बेचैनियाँ पाल लीं...और लोग कहते हैं,हम बड़े हो गये और ज़िन्दगी ...Read more »
आदमी ही आदमी का रास्ता काट रहा है🙏🏻बिल्लियाँ तो बेचारी बेरोज़गार बैठी है😊🌹🙏🏻Read more »
मुझे मुहब्बत है अपने हाथों की सब उँगलियों से ना जाने कौन सी उंगली पकड़ केमाँ ने मुझे चलना सिखाया होग...Read more »
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