Ek Shukun Ki Talash me Na ajne Kitni Bechaini Paal Li A+ A- Print Email " एक सुकून कि तालाश मे,ना जाने कितनी बेचैनियाँ पाल लीं...और लोग कहते हैं,हम बड़े हो गये और ज़िन्दगी संभाल ली... ! " 🙏
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