Bahut ho Chuka Intzaar Unka ab aur jakham Sahe Jate nahi A+ A- Print Email बहुत हो चुका इंतेज़ार उनका, अब और ज़ख़्म सहे जाते नही, क्या बयान करें उनके सितम को, दर्द उनके कहे जाते नही
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