शायरी इक शरारत भरी शाम है A+ A- Print Email "शायरी इक शरारत भरी शाम है,हर सुख़न इक छलकता हुआ जाम है, जब ये प्याले ग़ज़ल के पिए तो लगा मयक़दा तो बिना बात बदनाम है"
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