हाथ की लकीरें सिर्फ
सजावट बयाँ करती है...
किस्मत अगर मालूम होती
तो मेहनत कौन करता...
सजावट बयाँ करती है...
किस्मत अगर मालूम होती
तो मेहनत कौन करता...
कहाँ होता है इतना तजुर्बा किसी हकीम के पास!"माँ" आवाज सुनकर बुखार नाप लेती है!!Read more »
गुज़रते दिनों का नही, ...Read more »
सिर्फ चेहरा ही नहीं शख्सियत भी पहचानो ,जिसमें दिखता हो वही आईना नहीं होताRead more »
" एक सुकून कि तालाश मे,ना जाने कितनी बेचैनियाँ पाल लीं...और लोग कहते हैं,हम बड़े हो गये और ज़िन्दगी ...Read more »
आदमी ही आदमी का रास्ता काट रहा है🙏🏻बिल्लियाँ तो बेचारी बेरोज़गार बैठी है😊🌹🙏🏻Read more »
मुझे मुहब्बत है अपने हाथों की सब उँगलियों से ना जाने कौन सी उंगली पकड़ केमाँ ने मुझे चलना सिखाया होग...Read more »
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